दार्जिलिंग भारत के राज्य पश्चिम बंगाल का एक नगर है। यह नगर दार्जिलिंग जिले का मुख्यालय है। यह नगर शिवालिक पर्वतमाला में लघु हिमालय में अवस्थित है। यहां की औसत ऊँचाई २, १३४ मीटर है।
दार्जिलिंग में आप अल्पाइन और साल व ओक के पेड़ों से लैश समशीतोष्ण जंगलों को दखे सकते हैं। मौसम में परिवर्तन के बावजूद दार्जिलिंग के जंगल हरे—भरे हैं, जिससे पर्यटन को नया आयाम मिलता है। शहर में कुछ प्राकृतिक पार्क भी हैं। इनमें से पड़माजा नायडू हिमालियन जूलॉजिकल पार्क और लॉयड बॉटनिकल गार्डन प्रमुख है। शाम के समय में आपको इन जगहों पर बड़ी संख्या में प्रकृतिप्रेमी और फोटोग्राफर देखने को मिल जाएंगे। दार्जिलिंग कई किस्म के आर्किड के लिए भी जाना जाता है।
दार्जिलिंग कैसे पहुंचें
दार्जीलिंग जाने के लिए बड़ी लाइन का रेलवे स्टेशन दिल्ली-गुवाहाटी एवं हावड़ा-गुवाहाटी रेलमार्ग पर न्यू जलपाईगुड़ी हैं। रेलवे स्टेशन से महज सिलीगुड़ी से ही दार्जीलिंग के लिए छोटी लाइन की ट्रेन या टैक्सी मिलेगी। सबसे निकट का हवाई अड्डा बागडोरा है। वहां सड़क मार्ग से दार्जीलिंग पहुंचा जा सकता है।
दार्जीलिंग में थोड़ी मस्ती भी हो जाएगी, थोड़ा घूमना भी, थोड़ा सीखना भी। दार्जीलिंग देश की उन गिनी-चुनी जगहों में से एक है, जहां आज भी छोटी लाइन की रेलगाड़ी चलती है।
फिल्मों में रंग जमा चुकी है ‘आराधना’ से लेकर ‘बर्फी’ तक। दार्जीलिंग के मनोरम पहाड़ी पर्वतों और चाय बागानों के बीच यात्रा करना अपने आप में बेहद रोमांचक है।
दार्जिलिंग के दर्शनीय स्थल
1. दार्जिलिंग हिमालयी रेल, जिसे "टॉय ट्रेन" के नाम से भी जाना जाता है भारत के राज्य पश्चिम बंगाल में न्यू जलपाईगुड़ी और दार्जिलिंग के बीच चलने वाली एक छोटी लाइन की रेलवे प्रणाली है।
2. मिरिक पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग ज़िले में स्थित एक हिल स्टेशन है।मिरिक समुद्र तल से 5800 फुट की ऊंचाई पर है।हिमालय की वादियों में बसा मिरिक पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।मिरिक में प्राकृतिक ख़ूबसूरती, पिकनिक स्पॉट्स, ऐडवेंचर की सुविधा और बेहद शांत माहौल जैसी खूबियाँ पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।लगभग डेढ़ किमी लंबी झील के आस-पास बसा यह पहाड़ी पर्यटन स्थल टी ऐस्टेट, संतरों के बग़ीचों और हिमालय के जंगल वाले पहाड़ों से घिरा हुआ है।मिरिक के जंगली फूल, सुंदर झीले और क्रिप्टोमेरिया जापानिका के पेड़ मिरिक को एक उष्ण कटिबंधी स्वर्ग बनाते हैं।मिरिक को देश का सबसे यंग हिल स्टेशन कहा जाता है और पश्चिमी बंगाल में यहाँ संतरों की पैदावार सबसे ज़्यादा होती है।हिमालय पर्वत शृंखला में कंचनजंगा के अद्भुत दृश्य भी मिरिक से दिखाई देते हैं।
3. पद्मजा नायडू हिमालयन प्राणी उद्यान ( Padmaja Naidu Himalayan Zoological Park ) - पद्मजा नायडू हिमालयन प्राणी उद्यान दार्जिलिंग में जाने वाले पर्यटकों का सबसे पसंदीदा जगहों में से है यह पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग शहर में 67.56 एकड़ (27.3 हेक्टेयर) में अवस्थित है। इसे (नेपाली : दार्जीलिंग चिडियाघर) भी कहते हैं। यह प्राणी उद्यान 7000 फीट (2,134 मीटर), की औसत ऊंचाई से भारत में सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित है। अपने देश का यह एक विशेष प्राणी उद्यान है, जहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर का लाल पांडा, हिम तेंदुए, तिब्बती भेड़िया और पूर्वी हिमालय के अन्य अत्यधिक लुप्तप्राय जानवरों की प्रजातियों के संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम के लिए अधिकृत है। यहाँ का तापमान आम तौर पर उच्चतम 26 डिग्री सेल्सियस से 20 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम 5 डिग्री सेल्सियस से 10 डिग्री सेल्सियस रहता है।
इतिहास ( History Of Padmaja Naidu Himalayan Zoological Park ) :
यह पूर्व में हिमालय प्राणी उद्यान के नाम से जाना जाता था, जिसे 14 अगस्त 1958 को स्थापित किया गया था। सन् 1975 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी के द्वारा हिमालय प्राणी उद्यान को पश्चिम बंगाल की पूर्व राज्यपाल स्वर्गीय श्रीमती पद्मजा नायडू की स्मृति में नामित किया गया था।
4. टाइगर हिल पश्चिम बंगाल राज्य के दार्जिलिंग शहर में स्थित है। इसकी ऊँचाई 2,770 मीटर है। दार्जिलिंग से 14 किमी दूरी पर है। दार्जिलिंग के दर्शनीय स्थानों में 8,482 फीट पर स्थित टाइगर हिल है जहाँ से सूर्योदय का मनोरम दृश्य देखा जा सकता है। इसके साथ ही बर्फ़ की चादर से ढकी पर्वतमालाकंचनजंगा, पूर्वी हिमालयन पर्वत शृंखला और विश्व का सबसे ऊँचा पर्वत सागरमाथा यानी माउंट एवरेस्ट की चोटी भी यहाँ से दिखाई देती है। अत: अक्सर लोग जीप से जाते हैं। सुन्दर प्राकृतिक शोभा देखकर यात्री अपने को भी भूल जाते हैं। टाइगर हिल का मुख्य आनंद इस पर चढ़ाई करने में है। आपको हर सुबह पर्यटक इस पर चढ़ाई करते हुए मिल जाएंगे।
5. Peace Pagoda, Darjeeling or Darjeeling Peace Pagoda is one of the Peace Pagodasdesigned to provide a focus for people of all races and creeds to help unite them in their search for world peace. It is located in the town of Darjeeling in the Indian state of West Bengal. Like most of the other Peace Pagodas, it was built under the guidance of Nichidatsu Fujii (1885–1985), a Buddhist monk from Japan and founder of the Nipponzan-Myōhōji Buddhist Order.
The foundation stone of the pagoda was laid on 3 November 1972 by Nichidatsu Fujii, and was inaugurated on 1 November 1992. The pagoda was designed by M. Ohka, and it took 36 months for constructing it. It houses the four avatars of Buddha including Maitreya Buddha. The height of the pagoda is 28.5 metres (94 ft) and diameter is 23 metres (75 ft).The Pagoda is situated on the slopes of the Jalapahar hills of Darjeeling, a few kilometres from the town of Darjeeling.
दार्जिलिंग के सौंदर्य को निखारती हैं यह इमारतें
दार्जिलिंग में आप कई औपनिवेशिक निर्माण देख सकते हैं। ब्रिटिश शासनकाल के दौरान यह शहर काफी व्यवस्थित हुआ करता था। यह शहर पहाड़ की चोटी पर स्थित है। यहां सड़कों का जाल बिछा हुआ है। ये सड़कें एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं। इन सड़कों पर घूमते हुए आपको औपनिवेशिक काल की बनी कई इमारतें दिख जाएंगी। ये इमारतें आज भी काफी आकर्षक प्रतीत होती है। इन इमारतों में लगी पुरानी खिड़कियां तथा धुएं निकालने के लिए बनी चिमनी पुराने समय की याद दिलाती हैं।
6. घूम रॉक
घूम रॉक दार्जिलिंग का बेहद आकर्षक व्यू पॉइंट है। यहाँ से बलसान घाटी का मनोहारी दृश्य सैलानियों का मन मोह लेता है। अगर आप भी दार्जिलिंग के दृश्यों का दिलकश नज़ारा करना चाहते हैं तो यहाँ अवश्य आएं।
7. रॉक गार्डन
रॉक गार्डन की खासियत यह है कि इसे पहाड़ों और चटटानों को कांट कर बनाया गया है। इसी वजह से ये रॉक गार्डन के नाम से जाना है। सैलानी इस गार्डन की खूबसूरती देख दांतों तले उंगिलियन दबा लेते हैं।
8. बतासिया लूप
इसका निर्माण आजादी से पहले स्वतंत्रता संघर्ष और विभिन्न लड़ाइयों में मारे गए लोगों को श्रद्धांजली देने के लिए किया गया है। इसके अलावा यहां पर टॉय ट्रेन हेयरपिन टर्न लेती है। यहां से कंचनजंघा पर्वत श्रृंखला का विहंगम नजारा देखने को मिलता है। साथ ही यहां पर एक छोटा सा बाजार है, जहां से आप चाहें तो कुछ उत्कृष्ट स्थानीय उत्पाद खरीद सकते हैं।
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